1911 से 2011 तक स्पोर्टस क्लब का इतिहास सचिव के कलम से
शताब्दी वर्ष के अवसर पर क्लब के उन महान हस्तियों को मैं सबसे पहले नमन करते हुए श्रद्धाजंली अर्पित करता हूँ जिन्होंने इस क्लब को तन-मन-धन से सींच कर इस मुकाम पर पहुंचा दिया कि आज हम गर्व के साथ अपने क्लब का शताब्दी वर्ष मनाकर खुशी के साथ गर्व भी महसूस कर रहे है।
स्पोर्टस क्लब की स्थापना 24 दिसम्बर 1911 में धर्म समाज के सभा भवन में सम्पन्न बैठक में शहर के नागरिकों एवं जिले के पदाधिकारियों के सहयोग से हुई । इस क्लब के निर्माण में डब्ल्यू. एस. इरविन एवं उनकी पत्नी का सबसे ज्यादा सहयोग रहा है। मिस्टर डब्ल्यू. एस. इरविन साहेब, कौम अग्रेज, पेशा- नौकरी, मनेजर वो मोख्तार, आम जानिब मलकान कर्सन, मोतिहारी स्टेट तपा मधव्ल, परगना मझौआ ने सन् 1925 में स्पोर्टस क्लब को 4 एकड़ 27 डिसमील जमीन छतौनी में क्लब के नाम से रजिस्ट्री कर दिया ।
अभी जो क्लब भवन है वहीं पर क्लब का पुराना मकान निर्माण हुआ था बाद में उस समय के पदाधिकारी ने अपना एक पुस्तकालय जो "गेट साहेब' के नाम से था उसको स्पोर्टस क्लब में सम्मिलित कर लिया। कालान्तर में यह पुस्तकालय धीरे- धीरे बंद हो गया तथा सिर्फ खेल-कूद गतिविधियाँ ही रह गई, जो आज भी सुचारू रूप से चल रही है।
1911 से 1947 देश की आजादी तक स्पोर्टस क्लब में सिर्फ लॉन टेनिस तथा फुटबॉल खेल हुआ करता था उस समय अंग्रेज पदाधिकारी एवं शहर के गणमान्य परिवार के खेल प्रेमी इस क्लब में प्रतिदिन लॉन-टेनिस तथा फुटबॉल खेलने आते थे। 1911 से 1947 तक ना ही गौलरी था, ना क्लब का भवन एक छोटा सा खपरैल कमरा था। लॉन-टेनिस ग्राउन्ड के दोनों तरफ लोहे की जाली लगी थी उसी के अन्दर प्रैक्टिस होता था डब्ल्यू. एस. इरविन प्रत्येक दिन बग्धी गाड़ी पर बैठकर लॉन-टेनिस खेलने आते थे उस समय लॉन टेनिस के खिलाड़ी योगेन्द्र प्र. साह, प्रभात प्रसून्न मित्रा (प्रभात दा) कृतानन्द प्र. साह, लाल प्रसाद, लाला बाबू, प्रकाश प्रसन्न मित्रा (बलाई दा) लॉन टेनिस अंग्रेज पदाधिकारियों के साथ खेलते थे। 1911 से 1947 आजादी के पहले मोतिहारी शहर के खिलाड़ी बूट पहन कर खेते थे। आजादी के बाद सन् 1955 से इस क्लब के सचिव प्रभात प्रसन्न मित्रा उर्फ प्रभात दा ने इस क्लब को सुचारू रूप से लॉन टेनिस तथा फुटबॉल खेल को विकसीत किया प्रतिदिन प्रभात दा घर से हाफपैन्ट, टी शर्ट जूता-मोजा पहन कर हाथ में रैकेट लेकर साइकिन से शाम को क्लब जाते थे। स्पोर्टस क्लब मैंच जीतती थी तब या हारती थी तब वो खूब रोते थे जीतने पर खुशी के आँसू और हारने पर दुखः के आँस वो रोक नहीं पाते थे। मुझे वो दिन आज भी याद है। सन् 1979 में स्पोर्टस क्लब बनाम बिहार विश्वविद्यालय का फुटबॉल शौ मैंच क्लब में हुआ था जिसमें मैं विश्वविद्यालय के टीम से खेलते हुए स्पोर्टस क्लब के विरूद्ध पहला और अन्तिम गोल मैंने किया भास्कर विश्वविद्यालय टीम को 1-0 से विजय दिलायी थी उस वक्त प्रभात दा फिल्ड में आकर मुझे आशीर्वाद भी दे रहे थे तथा आँखों से आंसू भी बह रहे थे। प्रभात दा के दो पुत्र तरुण मित्रा (बबली दा) फुटबॉल तथा लॉन टेनिस के अच्छे खिलाड़ी थे जो अभी बिजली विभाग से रिटायर किये है दूसरे पुत्र प्रबीर कुमार मित्रा (टाकू दा) फुटबॉल तथा क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे जो अभी मुजफफरपुर स्टेट बैंक में कार्यरत है। प्रभात दा के छोटे भाई प्रकाश प्रसन्न मित्रा (बलाई दा) फुटबॉल तथा लॉन टेनिस के अच्छे खिलाड़ी थे क्लब से इतना लगाव था कि एक बार क्लब की फुटबॉल टीम बेतिया जा रही थी ट्रेन छूट जाने के कारण बलाई दा साइकिल से बेतिया जाकर मैच खेले। हमारे सचिव काल में बलाई दा उपाध्यक्ष पद पर थे सन् 1992 में जब हम लोगों ने पहली बार स्पोर्टस क्लब फुटबॉल प्रतियोगिता (डा. लम्बोदर मुखर्जी) ट्राफी का आयोजन किया उसमें बरसात ने तो बहुत परेशान किया ही क्वाटर फाइनल मैच में स्पोर्टस क्लब ने छपरा को हराया जिसके मुख्य अतिथि बलाई दा ने स्पोर्टस क्लब के खिलाड़ी सन्त लाल चौधरी को मैन ऑफ मैंच का पुरस्कार देने के बाद वे इतने खुश थे कि रात भर परिवार वालों से खुशी का इजहार करते रहे और सुबह स्वर्ग सिधार गये। बलाई दा के दो पुत्र (1) सागर मित्रा (2) उज्जवल मित्रा दोनो क्रिकेट खिलाड़ी थे ,सुशील बनर्जी स्पोर्टस क्लब के अपने जमाने के सर्व श्रेष्ठ खिलाड़ी थे उनके नेतृत्व में स्पोर्टस क्लब ने उस समय कि कितनी ही टीमों को मैंच में परास्त किया। उनके चार पुत्रों में तीन पुत्र (1) प्रकाश बनर्जी क्लब के बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी (2) मलय बनर्जी फुटबॉल तथा क्रिकेट खिलाड़ी एवं सबसे छोटे ( 3 ) सोमित्रो बनर्जी क्रिकेट खिलाड़ी थे। उस समय क्लब के पिउन मो. याकूब थे बाद में अहमद के अब्बा मो. अलीराज क्ल्ब के पिउन थे सन् 1966 में चम्पारण स्पोर्टस एसोसिएशन के सचिव श्री सत्यदेव प्र. चौधरी जो क्लब के भी सदस्य थे उन्होंने क्लब के सचिव प्रभात दा से स्पोर्टस क्लब ग्राउन्ड मैच कराने वास्ते लीज पर लिया तथा प्रत्येक वर्ष लीग मैंच, इंडिया इन्डिपेन्डेस फुटबॉल प्रतियोगिता का मैच स्पोर्टस क्लब ग्राउन्ड पर होते थे जिनमे देश की नामी-गिरामी टीमें भाग लेने आती थी इन्डिया इन्पिपेन्डेस शिल्ड शुद्ध चांदी का बना हुआ था जिसे उस समय के स्पोर्टर्स क्लब के अध्यक्ष श्री यमुना प्र. साह ने बनवाकर चम्पारण स्पोर्टस एसो. को डोनेट किया था । यह प्रतियोगिता 1947 से ही चलता था चम्पराण स्पोर्टस एसो. के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी एवं अपाध्यक्ष- आर श्री अधीक्षक होते है। सन् 1970 में स्पोर्टस एसो. के सचिव सत्यदेव प्र. चौधरी ने उस समय के संघ के उपाध्यक्ष एस.पी. शिव भूति राय के सहायेग से क्लब का बोच वाला गैलरी 75 फीट का निमौन कराया गया।
उसी समय ऑल इंडिया से दो कोच फुटबॉल में टी. एस. काका तथा क्रिकेट में भटनागर साहेब मोतिहारी आये जिन्होंने स्पोर्टस क्लब ग्राउन्ड पर ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया, जिससे स्पोर्टस क्लब ही नहीं पूरे चम्परण के खिलाड़ियों के खेल का स्तर ऊँचा हो गया। सन् 1975 में देश कि महिला फुटबॉल का मैच इंडिया एलवेन बनाम रेस्टर एलेवन के बीच खेला गया जिसका आयोजन पूर्वा चम्पारण स्पोर्टस एसो. ने स्पोर्टस क्लब के ग्राउन्ड पर किया. इस मैंच की मुख्य संरक्षक उस समय के जिला पदाधिकारी बेक जूलियस की पत्नी थी जिनके मार्ग-दर्शन में इसका सफल आयोजन किया गया। उस वक्त मोतिहारी ही नहीं पूरे बिहार राज्य के जिले में पुलिस टीम हुआ करती थी जहाँ अक्सर फुटबॉल, मौलीवाल, वास्केट वॉल, कुश्ती, एथलेटिक्स के प्रतियोगिता होते थे जिससे पूरे प्रदेश में खेल का माहौल रहता था छोटे बच्चे अपने-अपने क्लबों में खेलते थे तथा पुलिस विभाग में नौकरी आसानी से पा लेते थे। 1971 में एस. पी. श्री शिव मूर्ति राय ने हर खेल के खिलाड़ियों को पुलिस टीम में नौकरी दिया सन् 1971 में श्री पी. एन. साहू क्लब के सचिव बने तथा वे पूर्वी चम्पारण के उप सचिव भी थे। जिस कारण स्पोर्टस क्लब तथा पूर्वी चम्पारण स्पोर्टस एसो. दोनों संस्थाओं ने मिलकर खेल का आगे बढ़ाने का काम किया । पी. एन. साहू, के. सी. जयसवाल लॉन टेनिस को आगे बढ़ाये । सन् 1977 से क्लब के सचिव पद पर डा. मिलन कुमार राय के आने के बाद फुटबॉल एवं क्रिकेट खिलाड़ियों को खेल सामाग्री की कमी नहीं होने दिया वे स्वंय फुटबॉल के गोलकीपर तथा क्रिकेट में विकेट कीफर रह चुके थें मुझे याद है फुटबॉल-बूट खरीदने के लिए रॉक्सी सिनेमा में एक चैरिटी फिल्म चलवाया था जिसमें क्लब को 325/- (तीन सौ पच्चीस) रूप्या फायदा हुआ था जिस रूप्ये को लेकर हम तथा करीम भाई मुजफफरपुर से टीम का बूट लेकर आये थे । मिलन दा के ही समय उनके साला चन्दन गुप्ता जो मोहम्डन स्पोटिंग क्लब कोलकत्ता के खिलाड़ी थे के प्रयास से स्पोर्टस क्लब बनाम मोहम्डन स्पोटिंग कोलकत्ता का मैंच स्पोर्टस क्लब मोतिहारी में खेला गया। उस मैच में स्पोर्टस क्लब के खिलाड़ी करीमुदीन खाँ, अब्दुल करीम मंडल, नन्द जी सिंह, मो. अफरोज, फिदाहुसैन, चन्दिका बैठा, सतीश चंद्र, चन्द्रकेत सिंह, योगेन्द्र राम सबसे जूनियर खिलाड़ी मैं था मुझे भी वह मैंच खेलने का मौका मिला था। उस समय मैच के निर्णायक बलाई दा, कमरूल भाई तथा बड़े व्हीलर जो मुजफफरपुर से आये थे उन्हीं लोगों ने मैच का सफलता पूर्वक संचालन किया। 1979 से आलोक कुमार के सचिव बनने पर लॉन टेनिस का अभयास जोर शोर से चलने लगा क्योंकि वे खुद लॉन-टेनिस तथा बैंडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी थ उनके समय में प्रतिदिन लॉन टेनिस का अभ्यास, मो. तैयब, सतीश चन्द्र, राजेश वर्मा, कलोल बनर्जी, प्रबीर कु. मित्रा, के. सी. जयसवाल (सिनीयर) दिवाकर जयसवाल. त्रिलोक कुमार राजन जयसवाल, मनोज जयसवाल, रवि कु. शाह करते थे आलोक कुमार के सचिव काल में बिहार विश्वविद्यालय की लॉन-टेनिस की टीम स्पोर्टस क्लब से मैच खेलने क्लब ग्राउन्ड पर आयी थी। आलोक कुमार के सचिव काल में 1979 में स्पोर्टस क्लब ने लीग फुटबॉल मैच के फाइनल में पुलिस टीम को 4-0 से पराजित किया था उस समय स्पोर्टस क्लब टीम से मेरे साथ करीमुद्दीन खाँ, मो. जैनुल ध्रुव प्रसाद, मदन प्रसाद, योगेन्द्र राम, मुंशी, आबीद इमाम, जाहीद इमाम, बेच्चू नेहाल भाई, अजीज कुरैशी (गोलकीपर) बिरेन्द्र प्रसाद, कैश भाई, ऊबेद भाई, मो. सलीम खेलते थे ।
सन् 1985 में मनोज जयसवाल से सचिव कला में क्लब के पुराने सदस्य एवं समाज सेवी श्री सत्यनारायन प्रसाद शाह ने क्लब को 30,000 /- (तीस हजार रूपया) का डोनेशन दिया। जिससे क्लब भवन के छत का ढलाई तथा पीछे चार बाथरूम का निर्माण कराया गया। उस समय मैं उपसचिव तथा फुटबॉल प्रभारी के पद पर था। पटना से लौट कर आने के बाद हमने यहां के खिलाड़ियों को सुबह-शाम प्रैक्टिस कराना शुरू किया, 1985 में एन.सी.सी के खिलाड़ी बुधी श्रत्री तथा कमल थापा ने स्पोर्टस क्लब फुटबॉल टीम से खेलकर क्लब का मान बनाया । सन् 1985 में पूर्व चम्पारण के आरश्री अधीक्षक श्री सुप्रभात दास ने स्पोर्टस क्लब के साथ-साथ पूरे जिले में खेल को बढावा दिया। स्पोर्टस क्लब के करीब 15 (प्रन्द्रह ) खिलाड़ियों को नौकरी दिया। जिसमें मो. सलीम सरफुद्दीन कुरैशी (लल्लू) नादोर इमाम, मो. जाकीर, अजय पाठक, बच्चन प्रसाद, देवेन्द्र सहनी, नवल प्रसाद, वेतिया के सोनू, शेखू एवं मो. शहीद शिवान के धर्मनाथ, शीला तथा मुजफफरपुर के राजेन्द्र प्रसाद के साथ-साथ मौलीवॉल, एथलेरिकस, हॉकी, वास्केट वॉल के खिलाड़ियों की भी बहाली की सुप्रभात दास के ही समय से स्पोटर्स क्लब में अखिल भारतीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हुआ उस समय जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष पूर्वी चम्पारण स्पोर्टस एसो. श्री जे. एन. त्रिपाठी थे जिन का सहयोग इस आयोजन को मिला।
1986 में क्लब के ज्यादा खिलाड़ी पुलिस में नौकरी पाने से पुलिस टीम में चले जाने के बाद क्लब की टीम बेहद कमजोर हो गई, मगर फाइनल मैंच (मेरे जीवन का यादगार मैंच) में हम नूर आलम भाई, बुद्धीछत्री, कमलथापा, मो. अनीष, मो. अयूब, केशव पाठक गोल कीपर एकबाल कुरैशी, मदन राम, समसे आलम, डा. लाल ने मिलकर पुलिस टीम को रोमांचक मैच में 1-0 से परास्त किया, उस समय गैलरी पर बैठे आर श्री अधीक्षक सुप्रभात ने कहा था प्रभाकर ने पुलिस टीम में अच्छा-अच्छा खिलाड़ी को बहाल भी करवाया और फाइनल मैच में मेरी टीम को हरा भी दिया। सुप्रभात दास खुद बैडमिंटन भी खेला करते थे नवयुवक प्रस्तकालय में हुए प्रतियोगिता में मैच भी खेलें उन्हीं के समय में स्पोर्टस क्लब ग्राउन्ड पर चल रहे हेमन ट्रॉफी क्रिकेट मैच (B) डी वीजन में मोतिहारी के चैम्पियन बनने पर सभी खिलाड़ियों के सम्मान से परिसदन भवन में डीनर पार्टी का आयोजन किया जिसमें जिले के सभी पदाधिकारी जिला पदाधिकारी, जिला सत्रन्यायाधीश के साथ-साथ संघ के भी पदाधिकारी मौजूद थे उस समय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हमारे साथ-साथ टाकूदा, प्रकाश बनर्जी, सौमित्रो बनर्जी, मुकेश कुमार, दिनेश कुमार, रूपेश कुमार, मनोज कन्नोजिया, अतुल कुमार, नोरज कुमार, अजय कुमार, राम प्रकाश वगैरह थे। करीमुदीन खाँ क्लब के ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 35 वर्षों तक क्लब के फुटबॉल टीम से खेला करीब बीस वर्षों तक क्लब की टीम का नेतृत्व किया, ओस्ताद तथा नथ्थू भाई के नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने स्पोर्टस क्लब का नाम पूरे नॉर्थ बिहार में ऊँचा किया। इन्हें कितने ही टीमों ने कम्पनी में नौकरी की पेशकश को मगर क्लब को छोड़कर नहीं गये। सिलाई मशीन के मिस्त्री का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण के ★ साथ-साथ क्लब के फुटबॉल टीम का अभ्यास एवं मैंच खेलना प्रतिदिन का निमय था। 1995 में स्पोर्टस क्लब ने करीमुदीन खाँ सवमानार्थ एक दिवसीय महिला फुटबॉल मैंच का आयोजन किया जिसमें बाकारों तथा मुजफफरपुर की महिला टीम ने भाग लिया। उस मैंच में जिला पदाधिकारी दीपक कुमार एवं उनकी पत्नी तथा एस.पी. अनुराग गुप्ता एवं उनकी पत्नी ने सामूहिक रूप से करीम खाँ को 5000 / - पांच हजार रूप्या तथा ट्रैक सूट देकर सम्मानित किया, स्पोर्टस क्लब ने उसी वर्ष उनको आजीवन सदस्य तथा क्लब का फुटबॉल कोच के पद पर नियुक्त किया। उनका जन्म 4 सितम्बर 1939 को हुआ था उनके बड़े भाई अहमद खाँ जिले के अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी थे तथा छोटे भाई जलील खाँ रामनगर टीम से फुटबॉल खेलते थे करीमुदीन खाँ की मृत्यु कैंसर हो जाने से 19 जून 2001 को हो गयी, इनकी बिमारी में क्लब के खिलाड़ी एवं सदस्यों ने सहयोग किया तथा मरने के पश्चात् इनकी बेटी की शादी भी खूब धूम-धाम से क्ल्ब के खिलाड़ियों एवं सदस्यों के सहयोग से किया गया। इनके बड़े पुत्र उभर खान अभी क्लब से फुटबॉल खेल रहे है। तथा क्लब के कैप्टेन भी रहे चुके है। सन् 20.8.1989 को सचिव पद ग्रहण करने के बाद हमने भी यह कोशिक की कि पूर्व की भांति यह क्लब अपनी परम्पराये कामय रखे तथा दिनों-दिन उच्चाइयों को प्राप्त करे। इस कार्य में हमें बहुत हद तक सफलता भी मिली जिसका श्रेय क्लब के पूर्व पदाधिकारियों एवं सदस्यों तथा खिलाड़ी कार्यकत्ता गण तथा पिउन अहमद को जाता है। सन् 1990 में नये लीची का वृक्ष 1992 में जिला कैरम प्रतियोगिता तथा (लम्बोदर मुखर्जी ट्रॉफी) के लिए स्पोर्टस क्लब फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन शुरू हुआ। बाद मे करीमुदीन खाँ एक दिवसीय महिला फुटबॉल मैच, चम्पारण सपूत अरविंद पान्डये मेमोरियल मैच दो बार ऑल इंडिया महिला फुटबॉल मैच का आयोजन, सब जूनियर राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता 2005 में तथा 2007 - 2008 में 59वीं बिहार राज्य फुटबॉल प्रतियोगिता तथा अखिल भारतीय महापति देवी मेयोरिल महिला टीम का मैच तथा दंतेवाडा में शहीद प्रकाश कुमार मेमोरियल वन डे मैच तथा मिलन कु. राय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन स्पोर्टस क्लब के मैदान पर सफलता पूर्वक किया गया। आयोजन को सफल बनाने में जहां प्रशासनिक पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी दीपक कुमार, एस. शिव कुमार, विनय कुमार, हीरा लाल प्रसाद, अरूण कुमार सिंह तथा पुलिस पदाधिकारी - आरश्री अधीक्षक अनुराग गुप्ता, ओ. पी. खरे, एस. राजन, दीपक कुमार वर्मा, कमल किशोर, सुनील कुमार झा, डी. एस.पी - विनोद कुमार, महेन्द्र सिंह, अनिल कुमार सिंह वर्तमान एस. पी. बगहाँ एवं सुशान्त कु. सरोज तथा होम गार्ड डी.एस.पी - अनिल कुमार सार्जेन्ट मेजर - आन्नद कुमार, अरूण कु. सिंह तथा थाना प्रभारी कमल किशोर, शैलेन्द्र प्रसाद, रंजन कुमार वहीं जन प्रतिनिधियों में श्री त्रिवेणी तिवारी, रामा देवी, सीता राम सिंह, कलावती देवी, लक्ष्मी ना. प्र. यादव, राम जी शर्मा, सतीश कुमार ने क्लब के उत्थान में सहयोग किया जिसके लिए क्लब के तरफ से हम उनके आभार प्रकट करते हैं।
हमने जब सचिव का प्रभार लिया उस समय अध्यक्ष पी. एन. साहू के नेतृत्व में क्लब में पुराने हॉल में जिसमें खिड़की- दरवाजा नहीं था तथा फर्श कच्चा था उसी में रात में मिटिंग ने ही इस क्ल्ब को एक नई दिशा दी। प्रतिवर्ष क्लब डे पार्टी का आयोजन, मेम्बरों का लाइफ मेम्बर बनाना तथा बिल्डिंग फन्डू का डोनेशन लेकर अधूरे पड़े भवन तथा बाथरूम का निर्माण हुआ बाद में जन प्रतिनिधियों के सहयोग से टेनिस ग्राउन्ड का चाहर दीवारी का निर्माण ऊपरी मंजील बनाकर जिम का निर्माण गैलरी का निर्माण फिल्ड का समतलीकरण करा कर क्लब को खूबसूरत एवं सुरक्षित किया गया । ए. जी. मिशन स्कूल बेतिया के प्रिंसीपल डी. के. सिंह के सौजन्य से क्लब द्वारा स्पोर्टस क्लब के प्रांगन में करीब बारह सौ गरीबों को कम्बल धोती एवं साड़ी लुंगी वितरण किया गया। हमारे क्लब में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन धूम- धाम से किया गया जिसमें उषा उघुप नाईट, रामेश्वरी हेमलता नाईट एवं मनोज तिवारी नाईट तीन-चार बार क्लब में सकर्स भी लगा जिसमें पूरे जिले के शहर वासी इस क्लब में सकर्स देखने आते थे। चुनाव के समय में देश के उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री, लाल कृष्ण आडवाणी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, राम विलास पासवान, काशीराम एवं प्रकाश झा जैसे कदावार नेता क्लब के मंच से चुनाव प्रचार करने में क्लब ने अपना सहयोग दिया है जो स्पोर्टस क्लब, मोतिहारी में सम्पन्न हुआ । हमारे सचिव काल में फुटबॉल में पुरुष तथा महिला टीमों के खिलाड़ियों ने बिहार टीम का प्रतिनिधित्व किया जिसमें निरजन पटेल तहसीन आलम, सुनील पटेल (पुरूष) रजंना पटेल, पुष्पाजंलि शुक्ला, अंजली कुमारी, शिवानी कुमारी, पिंकी कुमारी, (महिला) फुटबॉल खिलाड़ी थे तथा छोटे भाई जलील खाँ रामनगर टीम से फुटबॉल खेलते थे करीमुदीन खाँ की मृत्यु कैंसर हो जाने से 19 जून 2001 को हो गयी, इनकी बिमारी में क्लब के खिलाड़ी एवं सदस्यों ने सहयोग किया
तथा मरने के पश्चात् इनकी बेटी की शादी भी खूब धूम-धाम से क्ल्ब के खिलाड़ियों एवं सदस्यों के सहयोग से किया गया। इनके बड़े पुत्र उभर खान अभी क्लब से फुटबॉल खेल रहे है। तथा क्लब के कैप्टेन भी रहे चुके है। सन् 20.8.1989 को सचिव पद ग्रहण करने के बाद हमने भी यह कोशिक की कि पूर्व की भांति यह क्लब अपनी परम्पराये कामय रखे तथा दिनों-दिन उच्चाइयों को प्राप्त करे। इस कार्य में हमें बहुत हद तक सफलता भी मिली जिसका श्रेय क्लब के पूर्व पदाधिकारियों एवं सदस्यों तथा खिलाड़ी कार्यकत्ता गण तथा पिउन अहमद को जाता है। सन् 1990 में नये लीची का वृक्ष 1992 में जिला कैरम प्रतियोगिता तथा (लम्बोदर मुखर्जी ट्रॉफी) के लिए स्पोर्टस क्लब फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन शुरू हुआ। बाद मे करीमुदीन खाँ एक दिवसीय महिला फुटबॉल मैच, चम्पारण सपूत अरविंद पान्डये मेमोरियल मैच दो बार ऑल इंडिया महिला फुटबॉल मैच का आयोजन, सब जूनियर राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता 2005 में तथा 2007 - 2008 में 59वीं बिहार राज्य फुटबॉल प्रतियोगिता तथा अखिल भारतीय महापति देवी मेयोरिल महिला टीम का मैच तथा दंतेवाडा में शहीद प्रकाश कुमार मेमोरियल वन डे मैच तथा मिलन कु. राय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन स्पोर्टस क्लब के मैदान पर सफलता पूर्वक किया गया। आयोजन को सफल बनाने में जहां प्रशासनिक पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी दीपक कुमार, एस. शिव कुमार, विनय कुमार, हीरा लाल प्रसाद, अरूण कुमार सिंह तथा पुलिस पदाधिकारी - आरश्री अधीक्षक अनुराग गुप्ता, ओ. पी. खरे, एस. राजन, दीपक कुमार वर्मा, कमल किशोर, सुनील कुमार झा, डी. एस.पी - विनोद कुमार, महेन्द्र सिंह, अनिल कुमार सिंह वर्तमान एस. पी. बगहाँ एवं सुशान्त कु. सरोज तथा होम गार्ड डी.एस.पी - अनिल कुमार सार्जेन्ट मेजर - आन्नद कुमार, अरूण कु. सिंह तथा थाना प्रभारी कमल किशोर, शैलेन्द्र प्रसाद, रंजन कुमार वहीं जन प्रतिनिधियों में श्री त्रिवेणी तिवारी, रामा देवी, सीता राम सिंह, कलावती देवी, लक्ष्मी ना. प्र. यादव, राम जी शर्मा, सतीश कुमार ने क्लब के उत्थान में सहयोग किया जिसके लिए क्लब के तरफ से हम उनके आभार प्रकट करते हैं।
हमने जब सचिव का प्रभार लिया उस समय अध्यक्ष पी. एन. साहू के नेतृत्व में क्लब में पुराने हॉल में जिसमें खिड़की- दरवाजा नहीं था तथा फर्श कच्चा था उसी में रात में मिटिंग ने ही इस क्ल्ब को एक नई दिशा दी। प्रतिवर्ष क्लब डे पार्टी का आयोजन, मेम्बरों का लाइफ मेम्बर बनाना तथा बिल्डिंग फन्डू का डोनेशन लेकर अधूरे पड़े भवन तथा बाथरूम का निर्माण हुआ बाद में जन प्रतिनिधियों के सहयोग से टेनिस ग्राउन्ड का चाहर दीवारी का निर्माण ऊपरी मंजील बनाकर जिम का निर्माण गैलरी का निर्माण फिल्ड का समतलीकरण करा कर क्लब को खूबसूरत एवं सुरक्षित किया गया । ए. जी. मिशन स्कूल बेतिया के प्रिंसीपल डी. के. सिंह के सौजन्य से क्लब द्वारा स्पोर्टस क्लब के प्रांगन में करीब बारह सौ गरीबों को कम्बल धोती एवं साड़ी लुंगी वितरण किया गया। हमारे क्लब में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन धूम- धाम से किया गया जिसमें उषा उघुप नाईट, रामेश्वरी हेमलता नाईट एवं मनोज तिवारी नाईट तीन-चार बार क्लब में सकर्स भी लगा जिसमें पूरे जिले के शहर वासी इस क्लब में सकर्स देखने आते थे। चुनाव के समय में देश के उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री, लाल कृष्ण आडवाणी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, राम विलास पासवान, काशीराम एवं प्रकाश झा जैसे कदावार नेता क्लब के मंच से चुनाव प्रचार करने में क्लब ने अपना सहयोग दिया है जो स्पोर्टस क्लब, मोतिहारी में सम्पन्न हुआ । हमारे सचिव काल में फुटबॉल में पुरुष तथा महिला टीमों के खिलाड़ियों ने बिहार टीम का प्रतिनिधित्व किया जिसमें निरजन पटेल तहसीन आलम, सुनील पटेल (पुरूष) रजंना पटेल, पुष्पाजंलि शुक्ला, अंजली कुमारी, शिवानी कुमारी, पिंकी कुमारी, (महिला) सन् 2005 में पूर्वी चम्पारण फुटबॉल संघ का गठन होने के बाद प्रतिवर्ष सरदार अमृत सिंह (विक्की) मेमोरियल फुटबॉल प्रतियोगिता स्पोर्टस क्लब ग्राउन्ड पर खेलने का नतीजा यह रहा कि पूरे जिले में फुटबॉल का माहौल बना तथा जिले में 23 टीमों ने लीग मैच खेलना शुरू कर दिया, इसका कारण लोग मैच स्पोर्टस क्लब में सफलता पूर्वक आयोजन होना रहा।
हमारे सचिव काल में स्पोर्टस क्लब ने यादगार मैंच इलाहाबाद, ऑल इंडिया, जमुई तथा हजारी बाग क्लब चैम्पियनशिप तथा पटना में आयोजित रामेश्वर सिंह मेमोरियल कप एवं काठमान्डू के दशरथ स्टेडियम में स्पोर्टर्स क्लब की महिला टीम का सिंगापुर एलेवनको पराजित कर पूरे काठमान्दू में स्पोर्टस क्लब, मोतिहारी का झंडा फहराना शामिल है। मैंने अपने जीवन में जो भी सफलता पाई हैं। उसमें स्पोर्टस क्लब का बहुत ही योगदान है इस मन्दिर रूपी घर को जो भी अपना घर समझेगा वह क्लब तथा खेल को अवश्य ही आगे बढ़ायेगा। मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूँ। कि अपने खेल के जीवन में (फुटबॉल क्षेत्र में स्व. करीमुदीन खाँ नूर आलम भाई.. अजीज कुरैशी, अब्दुल करीम मंडल, सतीश भैया कमल दा, अफरोज भाई, फिदा भाई, चन्द्रिका बैठा, भगवान सहनी, सुदीप गुप्ता, केशव पाठक तथा नेपाल कोच श्री हरिबाहुदर श्रेष्ठ क्रिकेट के क्षेत्र में मिलन कु. राय, - अमित सेन, प्रकाश बनर्जी, राजेश वर्मा, तो तन, रूपेश वर्मा, एवं मुकुल राय । बैंडमिंटल के क्षेत्र में जावेद भैया, आलोक भैया, त्रिलोक कुमार, रूपेश वर्मा, एवं हेमु कुमार, कैरम के क्षेत्र में कामेश्वर प्र. वर्मा, चुन्नू भाई ( अशरफ भाई, मो. जांहगीर एवं गोतम सिंह) जैसे खिलाड़ियों का साथ मुझे मिला, जिनसे मैंने बहुत कुछ सिखा तथा उन अनुभव को इस्तेमाल किया । इन सभी खेलों में भाग लेना एवं खेलों का आयोजन तथा स्पोर्टस क्लब को 22 वर्षो तक सुचारू रूप से चलने का श्रेष्ठ मैं अपने माता-पिता तथा बड़े भाई श्री दिवाकर जयसवाल को देता हूं। क्योंकि जवानी के दिनो मे जो अभिभावक अपने बच्चों को सही दिशा एवं सही कार्य करने में धन और समय से सहायता करते हो वही आगे बढ़ते हैं और अंत में यह कहना चाहता हूँ कि इस क्लब के पूर्व पदाधिकरी जो अब इस दुनिया में नहीं है स्व. प्रभात दा स्व. बलाई दा, स्व. मिलन कु. राय, स्व. सत्य देव प्र. चौधरी, स्व. पी. एन. साहू, स्व. डा. एम. ए. रहमान, स्व. डा. लम्बोदर मुखर्जी एवं मेरे गुरु एवं बड़े भाई स्व. करीमुदीन खाँ के सहयोग तथा उनके सुझाव एवं उनके मार्ग दर्शन से ही मैंने जो थोड़ा काम स्पोर्टस क्लब में किया है। मैं अपनी सफलता उनको अर्पित करता हूँ तथा वर्तमान में अपने अध्यक्ष श्री ईश्वरी प्र. साहू, उपाध्यक्ष के. सी. जयसवाल, मो. तैयब, कोषाध्यक्ष- मलय बनर्जी उप सचिव- शम्भू यादव, मो. नजमुलहोदा एवं आजीवन सदस्य श्री प्रकाश चौधरी जो वर्त्तमान में पूर्वी चम्पारण स्पोटर्स एसो. के सचिव है तथा क्लब के कार्यकारणी सदस्यों तथा क्लब के सभी सदस्यों कार्यकर्ताओं एवं खिलाड़ी गण को विशेष रूप से सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहता हू जिनके सहयोग से 1989 से लेकर आज तक मैं स्पोटर्स क्लब को जिम्मेवारी का निर्वाह कर सका।
प्रभाकर जयसवाल
सचिव